IndiGrid, a leading infrastructure investment trust ने भारत के बिजली क्षेत्र में ब्रिटिश इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट (बीआईआई)[British International Investment (BII)], नॉर्वेजियन क्लाइमेट इन्वेस्टमेंट फंड (the Norwegian Climate Investment Fund), and टेक्नो इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग कंपनी (Techno Electric and Engineering Company) के साथ एक महत्वपूर्ण भागीदारी की है।
इस साझेदारी से Interstate Transmission System (ISTS) projects को विकसित करना है, renewable energy के लक्ष्य से ऊर्जा उत्पादन के विषय में अधिक सुविधा लाना है।
BII, Norfund और Techno Electric की साझेदारी के साथ IndiGrid कैसे विस्तार करेगा?
IndiGrid के साथ इस साझेदारी से power transmission infrastructure को बेहतर बनाने के लिए प्रयास जोड़े जायेंगे। BII और Norfund तीन मुख्य IPTL, DPTL, और KTCO Work-in-progress प्रोजेक्ट्स में निवेश करेंगे। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और महाराष्ट्र (Maharashtra) में renewable energy के लगभग 6 गीगावाट (GW) को निर्माण करने डिजाइन किया गया है।
इसके अतिरिक्त, टेक्नो इलेक्ट्रिक (Techno Electric) इनमें से दो प्रोजेक्ट्स का संचालन करेगी और अल्पसंख्यक कैपिटल निवेश करेगी। एक बार इस साझेदारी में काम शुरू हो जाने के बाद इंडिग्रिड (IndiGrid) सम्पूर्ण प्रोजेक्ट के संचालन के लिए full ownership ले लेगा।
IndiGrid के साथ बी आई आई (BII), नोरफंद (Norfund) और टेक्नो इलेक्ट्रिक (Techno Electric) की इस भागीदारी में प्रोजेक्ट्स के लिए ₹4.75 ट्रिलियन निवेश करने का अनुमान लगाया है।
India’s energy transition objectives को विस्तृत रूप से देखने कल्लम ट्रांसमिशन (Kallam Transmission) के मौजूद संचालन के साथ ग्रीनफील्ड आईएसटीएस प्रोजेक्ट्स (greenfield ISTS projects)के विस्तार के लिए इंडिग्रिड पूरी तरह से शामिल रहेगा। भारत की renewable energy goals के लिए BII और Norfund जैसे वैश्विक निवेशकों की भागीदारी में जलवायु का सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रखेगा
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Conclusion
IndiGrid के साथ इस sustainable energy के लिए निवेश से केवल इस क्षेत्र को बढ़ावा नहीं बल्कि international investors को शामिल कर भारत और ग्लोबल मार्केट में प्रभाव होगा। बी आई आई (BII), नोरफंद (Norfund)और टेक्नो इलेक्ट्रिक (Techno Electric) के साथ हो रहे संयुक्त renewable energy के कार्य से carbon footprint कम होंगे और इसकी सफलता से कई स्तरों पर फायदा होगा।
इस बड़ी योजना से भारत में और भी नए अवसर बनें और इन उदाहरण से और भी नए निवेश हों, इसपर सबकी उम्मीद बनी रहेगी।