Shark Tank India Special Episode 36 Business Devanagari साक्षर भारतीय पे आजकी टेक्नोलॉजी के साथ मिलाने में भाषा की बाधा को दूर करते हुए Human Translation Platform है। Two Brothers from another Mother जिनकी दोस्ती को व्यावसायिक साझेदारी में बदल गयी है, Himanshu Sharma और Nakul Kundra co-founder of Devanagari दिल्ली से हैं। उन्होंने अपनी पिचिंग बहुत अच्छी कहावत से शुरू की;
“कोस कोस पे बदले पानी, और चार कोस पे बदले वाणी”। व्यवसाय पे जचते हुए इस मुहावरे पे Special Episode 36 Business Devanagari review इस पोस्ट में बताएँगे।
Special Episode 36 Business Devanagari Quick Summary
विशेष एपिसोड 36 व्यापार का नाम (Special Episode 36 Business Name ) क्या है ?
विशेष एपिसोड 36 व्यापार देवनागरी (Devanagari ) की पूरी जानकारी इस पोस्ट बताई गयी है।
विशेष एपिसोड 36 व्यापार देवनागरी पिचर्स (Special Episode 36 Business Devanagari Pitchers ) के नाम और भूमिका क्या है ?
विशेष एपिसोड 36 व्यापार देवनागरी पिचर्स Himanshu Sharma and Nakul Kundra Devanagari co-founder हैं।
विशेष एपिसोड 36 व्यापार देवनागरी (Special Episode 36 Business Devanagari ) की खासियत (USP ) क्या है ?
विशेष एपिसोड 36 व्यापार देवनागरी AI powered human translation platform है जहां 12 भारतीय भाषा में Indian Languages में Translation Services देते हैं।
उनके पास अपना खुदका Machine Translation Engine है जिसकी accuracy 85% है । उनकी सर्विस Devnagari से ली जा सकती है। अभी वे text to text translation कर रहे है । साथ ही image translation भी उन्होंने शुरू किया है। उनका लक्ष्य है , voice translation भी करे।
Special Episode 36 Business Devanagari Background Story
90 percent भारतीय जिनकी संख्या 100 crore से ज्यादा है , वे अपनी मातृ भाषा (mother tongue ) में बात करते हैं और वो English Language नहीं जानते। Internet world में 0.1 percent content Indian languages में है , इस वजह से जो इंग्लिश नहीं जानते उनके पास consume करने content नहीं है।
देवनागरी (Devanagari) की target audience , tier 2 and 3 cities and village of india को मद्दे नजर रखते हुए बनाई गई है। इस व्यवसाय की शुरुवात इन्होंने 2020 में शुरू की थी। अबतक उनके पास 70+ clients हैं जो उनसे translation services लेते हैं। इनके पास 5000 लोगों की human translators community है जो उन्हें और बेहतर ट्रन्स्लेशन देने में मदद देते हैं।
Special Episode 36 Business Devanagari Sales & Statistics
देवनागरी (Devanagari) ने पहले ही साल का revenue , साल 2020 पहले साल में 2 crore का था । अब इस साल वे third quarter में हैं और Devanagari revenue 3.5 crore है और उनके हिसाब से वे 5 crore revenue पे इस साल का रेवेनुए क्लोज करेंगे।
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Special Episode 36 Business Devanagari Equity & Valuation
Ask for Special Episode 36 Business Devanagari – 1 crore for 1 % Equity
देवनागरी (Devanagari) ने vcat और IPV से 4.5 crore लिया है जिसका कंपनी valuation 24 crore हो रहा है। नमिता थापर ने सवाल भी किया के 3 महीने में 100 crore क्यों मांग रहे हैं । इसपर पिचेर्स ने समझाया है कि यह वैल्यूएशन 6 महीना पुराना है न की 3 महीना। अभी इन्होंने government को भी client बनाया है और कुछ OEMS के साथ tied up भी किये है इसलिए Devanagari Business Valuation 100 Crore का है।
Himanshu Sharma and Nakul Kundra दोनों के पास आधा आधा शेयर है। और जो Equity Round Raise किये हैं उसमें 19 % equity Dilution हुआ है।
Special Episode 36 Business Devanagari Sharks Comment और Deal
देवनागरी (Devanagari) Business pitching पे Shark Tank India Judges ने कई पेहलू पे Entrepreneur की नजर से सवाल जवाब किये। शार्क नमिता थापर (Namita Thappar) और अनुपम मित्तल (Anupam Mittal) ने 100 crore की valuation पे आश्चर्यभरी प्रतिक्रिया दी। लेकिन Devanagari Pitcher ने उस business valuation को ६ महीना पुरानी बताई है और कहा कि इन्होंने गवर्नमेंट क्लाइंट (Government Client) और बिज़नेस में उन्नति कि है।
शार्क विनीता सिंह (Shark Vineeta Singh) उनके इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को देखते हुए उनसे सवाल किया कि वे Google translator से कैसे compete करेंगे।
जिसपर Devanagari Pitcher ने बखूबी समझाया कि Google General Translator है। उदाहरण – “मुझे यहाँ जाना है “, “मुझे यहाँ कल लेके जाना है ” ऐसे सब सदाहरण वाक्य वे बखूबी कर लेते हैं । लेकिन व्यापार (Business) में जैसे शब्द हुआ mobile, mobile – ecommerce platform में mobile हो सकता है । लेकिन transportation industry में चलना भी हो सकता है। देवनागरी context ले लक्ष्य से वे शब्दों को Industry के हिसाब से वर्गीकरण करते हुए और भी बेहतर तरीके से भाषांतर पर काम करते हैं। अभी फिलहाल उनका मकसद है वे B2b business Model पर काम करे ।
देवनागरी पिचेर्स (Devanagari Pitchers) ने बहुत सुन्दर तरीके से इस विषय को समझाया है कि 4 चीज़े हैं इस ecosystem में –
1) No content
भारतीय भाषा में internet content available कराना है । जिस स्तर पर अभी ये सभी भाषा में Digital Content है, फिल्हाल वो मौजूदगी बनाने में B2B से शुरुवात करते हुए इस समस्या के ऊपर business service में उनकी सहायता करते हुए लोगों तक ये सेवा दिलाकर भाषा बाध्य डिजिटल मीडिया को user friendly बनाना है।
2) Searchable
कंटेंट आ गया तो search कराना होगा । इस मुद्दे पर टेक्नोलॉजी को ऐसे बनाना होगा कि ये सब कंटेंट वर्गीकरण करते हुए , ढूंढ़ने कोई filter parameter रहे।
3) Search Algorithm
मुख्या search element जो content store method हो जाएगी उसके बाद Search Algorithm जैसे SEO होता है , उसमें search आ जायेगा तो कोई type करके searchable ढूंढ पाए वैसे कराना पड़ेगा।
4) Engagement Model
सब कुछ एक एक चरण पार कटे हुए जब अमल होगा फिर आएगा engagement model , जिसमें content quality को बढ़ाते हुए और बरकरार करने सही engagement के ऊपर काम करना होगा। Devanagari Pitchers पहले content availability पे काम कर रहे हैं , उसके बाद search पे काम करेंगे । बिज़नेस के पढ़ाव और युति सब सोच समझकर बनाया हुआ है।
शब्द को दर्ज करने जिसे about input कहते है , उसमें दोनों प्रकार से लिपी और अर्थ कि सेवा मौजूद है । टेक्नीकी भाषा में कहे तो, translation or transliteration engine दोनों ही काम देवनागरी करता है । इसमें 12 language में यह काम हो सकता है ।
Translation Example
English – My name is Nakul
Hindi – मेरा नाम नकुल है।
Transliteration में Script Badal जायेगा ,
Example
My name is Nakul
माय नेम इज़ नकुल
Transliteration का इस्तेमाल भी कई जगह होता है , जैसे हिन्दी में गाना है लेकिन इंग्लिश में पढ़ना हो तो ये सेवा का उपयोग होता है । इस service को आसाम तरीको से इस्तेमाल करने ग्राहकों को API दे सकते और गूगल (google) कि API देने का काम नहीं है , वो मार्ग बंद है । इस कारण B2B company का काफी काम इससे अच्छा हो सकता है।
Shark Peyush Bansal Question करते हैं, कि भाषांतर पर technology के इतने पेहलू पे काम करने के बाद जो प्रदर्शन दिया है , असल में किनके लिए मदद बनेगा और ग्राहक के लिए क्या solution देगा ?
Devanagari Pitcher Nakul ने Customer और उनके market study को पेश करते हुए कहा कि इसमें 4 categories की industries हैं जिसको देवनागरी cater कर रहे हैं। Ed tech , E commerce , publishers और BFSI (Banking, Financial Services, and Insurance) जिन्हें बहुत सारा content translation accuracy के साथ चाहिए होता है।
खासकर National Education Policy (NEP) जब आयी है , बहुत सारे लोग भारतीय भाषा (Indian language) में पढ़ना चाहते हैं। Engineering Indian language में होने वाला है । Question Bank और answers सभी चीज़ो में इस तरह की सेवा काफी समय बचाएगी। ऐसे में इतना सारा content कैसे translate करेंगे ये Problem बन जाती हैं । देवनागरी (Devanagari) उस कठिनियो को सुलझाता है।
इन्होंने Dota नाम से इसे लांच किया है , जिसका full form देवनागरी (Devanagari) on the Air होता है। वे एक gif java snippet देते हैं , जिसकी मदद से 30 मिनट में वेबसाइट (website) Multiple Indian Languages में text translation के साथ तैयार हो जाएगी। देवनागरी की सारी सेवा on the fly के concept से बनाई गयी है।
देवनागरी का लक्ष्य है – कॉल सेंटर जैसे व्यवसाय के लिए ऐसी सेवा दे जहाँ कोई कॉल में मराठी बोल रहा हो तो Real time पर सामने हिन्दी में पहुंचे ऐसे तकनीक बनानी है। मूवीज में जो realtime translation होता है , वो काम तो मार्किट में अभी मौजूद है।
देवनागरी का algorithm है , उसमे डाटा सेट्स (data sets ) बनते है। उसपर 5000 + human translator की सहायता से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence ) को तैयार करके इसपर बेहतर translation output बनाने के लिए काम कर रहे है। वे टेक्नोलॉजी को ऐसे enable करना चाहते है जो ज्यादा से ज्यादा contextual हो।
उनकी जो 5000 लोगों की community है , वो उनके प्राथमिक डिजिटल ट्रांसलेशन के बाद उसपे और भी accurate rectification का आधार बनाती है। ग्राहक अपना कंटेंट jason , xml जो भी format में text दे , उसको machine translation करवाके community द्वारा rectify करके differences पे काम किया जाता है । ये सब काम करते हुए context के हिसाब से technology में बदलाव लाया जाता है।
ये सब के बाद Algorithm built किया जाता है और ध्यान रखा जाता है की अगली बार content industry के हिसाब से new update के साथ output automatic आ सके । Self Learning model के हिसाब इसको built किया गया है ।
शार्क विनीता सिंह ने रोचक बात बतायी है और व्यंग्य किया की उन्होंने search कीया तो पता चला shark को हिन्दी में शार्क ही बोलते हैं। Shark Peyush ने कहा की google पर भी Java Script लगा सकते है । पिचेर्स ने समझाया वो गूगल के पास है लेकिन ये उससे दो कदम आगे बेहतर output देगा साथ ही source page भी particular language में कर देंगे। पीयूष ने कहा की ad don service provide करवाकर वो मार्किट में जीतेंगे । जिसका जवाब देते हुए उन्होंने समझाया की ये उत्पाद में पहले से है । और भाषांतर को लेकर डिजिटल की सभी चीज़ो पे ख्याल करके ये बनाया गया है।
देवनागरी 5000 लोगों की Human Translation Community के वजह से urgent 10k word translation का काम हो तो वो वही १० लोगों में बांटकर 99.9% accuracy पे दे सकते है। Shark Peyush ने vision पुछा के वो कंपनी को क्या बनते हुए देखना चाहते हैं। पिचेर्स ने कहा वो India’s language Technology Company बनना चाहते हैं।
Shark Anupam ने यह खासियत लेके चल रहे हैं , हो सकता हैं human dependent के कारण यह एक service industry बन रही है । और रास्ता साफ़ नहीं दिखने के वजह से वो डील से आउट होते हैं। शार्क अमन (Shark Aman) ने तारीफ़ की – google से टक्कर है – which is good but interest नहीं आ रहा इसलिए वे भी डील से आउट होते हैं।
शार्क विनीता ने कहा के risky लग रहा है , उस वजा से वे भी निवेश से दूर रहेंगे। शार्क पीयूष ने सराहते हुए बताया कि service business होगा अभी तो भी अच्छा है अगर वो मुनाफा कर रहे हों। लेकिन इसमें बिज़नेस बढ़ाने में (scale) करने वक़्त लग सकता है और वक़्त लगने के कारण competion आ सकता है out इसलिए वे भी डील से आउट होते हैं।
Shark Namita ने सकारात्मकता बताते हुए कहा कि उनके Portfolio में सिर्फ 3 तकनिकी कंपनी है , इसलिए उन्हें एक टेक्नोलॉजी कंपनी चाहिए थी। Shark Namita ने नया ऑफर बनाते हुए उन्हें 50 lakh for 2 percent और 50 lakh debt का ऑफर दिया।
पिचर ने सफाई करते हुए पुछा कि, सभी ने एक तरह service business जाता दिया है national television पे लेकिन उनको join करने उनका vision क्या है ?
शार्क नमिता ने कहा , उन्होंने देखा है के उनके 600 R&D team ये दिक्क्त face करते है । वो 70 countries में हैं , जब उन्हें European Countries से dockets आते हैं translation कि complexity होती है। पिचेर्स ने counter ऑफर देते हुए 50 lakh for 1 percent equity कि मांग करते हैं और साथ ही कुछ व्यापार commitment करने पूछते हैं। नमिते ने counter offer नहीं लिया और पिचेर्स ने भी शार्क डील नहीं करी और इस बिज़नेस को No Deal के साथ जाना पड़ता है।