Company Bankrupt होने के बाद Shark Tank India के इस Founder ने जब Shark Judge को अपने बारे में बताया, उन्होंने अपने मजबूत माता पिता और व्यवसाय के एकदम अँधेरे दृश्य के बारे में किस्सा बताया।
Shark Judge ने इस कहानी और व्यवसाय की डूबती कहानी के साथ उभरते हुए Startup Entrepreneur के जज़्बे को बढ़ावा दिया और Business Leadership में फिर खड़े होने की सीख दिलाई।
Founder ने पिता की Company Bankrupt होने के बाद Shark Tank India पर अपना खुदका बिज़नेस बताया
Chefling Founder Rounit Gambhir के पिता की Textile Manufacturing Company थी। 16 दिसंबर 2011 में उनकी वह टेक्सटाइल बिज़नेस की फैक्ट्री पूरी तरह से गिर गयी और भारी नुक्सान हो गया था। उन्होंने ₹6.5 करोड़ कर्जा करके फिर फैक्ट्री बनाई, लेकिन कर्जे पे कर्जे चढ़ने का साइकिल उनके ख़त्म नहीं हो पा रहा था।
इस हाल में और बेहाल होते हुए, उनकी कंपनी की आर्थिक परिस्तिथी सुधर ही नहीं पा रही थ। शार्क अनुपम ने उनकी बिज़नेस पिच में गहराई से समझने सवाल जवाब किया और अन्य शार्क ने भी उनके जज़्बे की सराहना की।
2018 में Chefling Founder Rounit Gambhir के पिता ने किसी के सुझाव से इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (Initial Public Offering) के लिए आयोजना की और ₹8 करोड़ का Fully Subscribed Share को मार्केटर के माध्यम से रेज किये।
उस व्यक्ति ने उनके सारे ₹8 करोड़ रुपये चोरी कर लिए थे और उनके माता पिता कंपनी के प्रमोटर थे, इसलिए उन्हें कई कठिन परिस्तिथी से गुज़ारना पड़ा।
अगस्त 2020 तक Chefling Founder Rounit Gambhir के पिता की कंपनी NCLT – National Company Law Tribunal के अंतर्गत रही।
उनके माता पिता को आर्थिक दिक्क्त बनी रही, लेकिन कंपनी में उनका कही नाम नहीं था और उन्होंने खुदसे Chefling की आयोजना की और 50 हजार इनिशियल इन्वेस्टमेंट और कुलमिलाकर ₹1.5 लाख निवेश करते हुए, उन्होंने 3 वर्ष में ₹60 लाख का व्यवसाय बनाया।
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Conclusion
Company Bankrupt होने के बाद कैसे Shark Tank India के इस Founder ने पिता की परिस्तिथी की सीख लेते हुए, फिर बिज़नेस किया यह एक बड़ा उदहारण है। उन्होंने अपने माता पिता की ताकत को समझा और बिज़नेस में छिपे सफलता के मोड़ पर अपनी सकारत्मक और विधायकत रिसर्च के साथ बिज़नेस के लिए काम किया।
वह चाहते तो बिज़नेस के दर के बैठ सकते थे, लेकिन उन्होंने इस प्रसंग को सीख समझकर उनके पिता के व्यवसाय करने की कुशलता को समझकर अपने काम में लगाया।